गेंदे के फूलों के सौंदर्य लाभ
1. घावों को भरता हैं
गेंदे के फूलों में मौजूद गंध तेल, ऑर्गेनिक एसिड व स्टेरोल्स घावों को भरते हैं। अगर काम करते वक्त आपका हाथ कट जाए या जल जाए तब गेंदे के फूलों से बनी क्रीम को लगाने से आपको आराम मिलेगा। यह क्रीम घाव के भरने की गति को बढ़ाती है।
2 मुंहासों के इलाज में मददगार
मृत त्वचा कोशिकाओं के कारण या ऑपन पोर्स में जमने वाले तेल के कारण आपके चेहरे पर मुंहासे हो सकते हैं। किशोरावस्था में अपना कदम रख चुके लड़के-लड़कियों को भी मुंहासों की समस्या सताती है। मुंहासों के स्थान पर जलन या दर्द महसूस होना स्वाभाविक है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप गेंदे के फूलों से बनने वाले उत्पादों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
4 रंगरुप को निखारे
गेंदे के फूलों से बनने वाले तेल से चेहरे की मालिश करने पर रक्त परिसंचरण में सुधार होता है। यह प्रक्रिया सामान्य चयापचय के द्वारा उत्पन्न होने वाले विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। माना जाता है कि नियमित रुप से गेंदे के तेल का उपयोग चेहरे के रंग को निखारने में मदद करता है तथा त्वचा की चमक को बरकरार रखता है।
5 झुर्रियों को घटाते हैं
बढती उम्र के साथ आंखों के आस-पास नज़र आने वाली झुर्रियां व फाइन लाइन्स को दूर भगाने में गेंदे के फूल बहुत लाभदायक रहे हैं। गेंदे के फूलों में मौजूद फाइटोकोंस्टिट्यूएंट्स, एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करते हैं तथा ऊतकों के पुनर्जनन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन झुर्रियों से निजात पाने में गेंदे का तेल आपकी मदद करेगा।
गेंदे के फूलों को इस्तेमाल करने के घरेलू तरीके
सबसे पहले आप एक कप उबलते पानी में गेंदे की कुछ पंखडियां डालें और फिर गैस को बंद करके बर्तन को ढंक दें। जब पानी ठंडा हो जाए, उसे छानकर अपनी त्वचा पर लगाएं। आप चाहे तो इस पानी को बोतल में डालकर रेर्फिजरेटर में रख सकते हैं तथा आवश्यकता अनुसार इस्तेमाल कर सकते हैं।
अन्य तरीका
इसके अलावा, आप एक कांच की शीशी में जैतून के तेल के साथ गेंदे की कुछ सूखी पंखडियों को डालकर, इसे 10 दिनों के लिए धूप में रखें। अब इस तेल को छानकर, इस्तेमाल के लिए फिर से कांच की शीशी में डालकर रखें। इस तेल का इस्तेमाल लगभग एक साल के लिए किया जा सकता है।
सावधान
आमतौर पर गेंदे के फूलों से बने उत्पादों से कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन गर्भावस्ता में व स्तनपान के दौरान इसके इस्तेमाल की जानकारी अस्पष्ट है, अतः ऐसी अवस्था में इसके इस्तेमाल से बचें। अगर आपको एस्टोरेसीआई परिवार की डेजी, गुलदाउदी व रागविद जैसी अन्य जड़ी बूटियों से एलर्जी है तो आपको गेंदे के फूलों से भी एलर्जी होने की संभावना है।